22 सितंबर 2024 को, बिहार में बाढ़ की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है, जिससे राज्य के कई जिलों में परिवहन और यातायात पर व्यापक असर पड़ा है। विशेष रूप से भागलपुर जिले में, जहां बाढ़ के पानी ने एक महत्वपूर्ण पुल के गर्डर (गिर्डर) को छू लिया है, रेलवे सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। पूर्वी मध्य रेलवे के बयान के अनुसार, सुल्तानगंज और रतनपुर स्टेशनों के बीच स्थित पुल संख्या 195 को बाढ़ का पानी शनिवार रात 11:45 बजे छूने लगा, जिसके चलते कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और कुछ ट्रेनों के मार्ग को भी परिवर्तित किया गया। इसके अलावा, जमालपुर-भागलपुर डिवीजन के कुछ हिस्सों में कई नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे ट्रेन सेवाओं पर और अधिक प्रभाव पड़ा है।

बिहार में बाढ़ के कारण कई ट्रेनें रद्द



रद्द की गई ट्रेनें:

  1. पटना-दुमका एक्सप्रेस
  2. सारायगढ़-देवघर स्पेशल
  3. जमालपुर-किउल मेमू स्पेशल
  4. भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस

इन ट्रेनों को रद्द करने का मुख्य कारण बाढ़ का पानी पुल के गर्डर को छूना और इसके परिणामस्वरूप रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा संबंधी चिंता रही है।

मार्ग परिवर्तित ट्रेनें:

  1. अजमेर-भागलपुर एक्सप्रेस
  2. विक्रमशिला एक्सप्रेस
  3. हावड़ा-गया एक्सप्रेस
  4. सूरत-भागलपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस
  5. आनंद विहार-मालदा टाउन एक्सप्रेस
  6. ब्रह्मपुत्र मेल

इन ट्रेनों के मार्गों को सुरक्षा के मद्देनजर बदल दिया गया है, ताकि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से न गुजरें और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। रेलवे के बयान के अनुसार, कम से कम चार ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है, जिसका अर्थ है कि इन ट्रेनों को अपने गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि वे उन क्षेत्रों में न जाएं जो बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं।

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मुजफ्फरपुर जंक्शन पर इंजन का पटरी से उतरना:

इसके अलावा, शनिवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन के यार्ड में एक ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया। यह घटना तब हुई जब इंजन की नियमित सेटिंग प्रक्रिया चल रही थी, जिसमें कुछ पहिये पटरी से उतर गए। यह दुर्घटना रात 8:40 बजे हुई, लेकिन एक घंटे के भीतर इंजन को दोबारा पटरी पर ला दिया गया और इस घटना से रेलवे सेवाओं पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बाढ़ की गंभीरता का आकलन करने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया। गंगा नदी समेत कई नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे राज्य के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री वितरण और चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने को कहा है।

समस्याओं का समाधान और यात्रा के विकल्प:

जो यात्री इन रद्द और परिवर्तित ट्रेनों से यात्रा करने वाले थे, उन्हें रेलवे ने यात्रा की स्थिति की अद्यतन जानकारी प्राप्त करने और वैकल्पिक यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी है। यात्रियों को निकटतम रेलवे स्टेशनों से जानकारी प्राप्त करने और रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ध्यान देने की सलाह दी गई है। इस समय, रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, और स्थानीय प्रशासन भी बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय है।

निष्कर्ष:

बाढ़ ने बिहार में सामान्य जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और रेलवे सेवाओं पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। ट्रेन सेवाओं के रद्द और मार्ग परिवर्तित होने से यात्रा में बाधा आ रही है, लेकिन यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं। सरकार और रेलवे दोनों ही स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और समस्या के समाधान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। यात्रियों से अपील है कि वे धैर्य बनाए रखें और रेलवे की ओर से जारी अद्यतन जानकारी का पालन करें ताकि उन्हें असुविधा का सामना न करना पड़े।

सूचना का स्रोत:
इस खबर से संबंधित जानकारी भारतीय रेलवे और बिहार राज्य सरकार के आधिकारिक बयानों पर आधारित है।