बिहार भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है, जो इतिहास, संस्कृति और राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन, यह राज्य आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से हमेशा पिछड़ा रहा है। विशेष दर्जा प्राप्त करने की बिहार की मांग लंबे समय से चल रही है।जबकि नहीं मिला बिहार को विशेष दर्जे का स्थान, अब क्या क्या करेगी नितीश सरकार, इस लेख में, हम विशेष दर्जा क्या है, बिहार की इस मांग का इतिहास, विभिन्न पक्षों के बयान, और वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

नहीं मिला बिहार को विशेष दर्जे का स्थान, अब क्या क्या करेगी नितीश सरकार


विशेष दर्जा क्या है?

विशेष दर्जा उन राज्यों को दिया जाता है जो आर्थिक और भौगोलिक दृष्टि से पिछड़े होते हैं। भारत सरकार ने विभिन्न मानदंडों के आधार पर कुछ राज्यों को विशेष दर्जा प्रदान किया है। इन मानदंडों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. पर्वतीय और कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ: जहाँ बुनियादी ढाँचा विकास की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो।
  2. जनसंख्या का घनत्व: कम जनसंख्या घनत्व होना।
  3. आदिवासी जनसंख्या: अधिक आदिवासी जनसंख्या होना।
  4. राज्य की आर्थिक स्थिति: प्रति व्यक्ति आय और अन्य आर्थिक संकेतकों के आधार पर।

विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को निम्नलिखित फायदे मिलते हैं:

  1. वित्तीय सहायता: केंद्रीय योजनाओं में अधिक अनुदान।
  2. कर रियायतें: कुछ विशेष प्रकार के करों में छूट।
  3. विकास योजनाएँ: राज्य के लिए विशेष विकास योजनाएँ।

बिहार की विशेष दर्जा की मांग

बिहार सरकार ने लंबे समय से विशेष दर्जा की मांग की है। इसके पीछे प्रमुख कारण राज्य की आर्थिक और सामाजिक पिछड़ापन है। बिहार की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम है और यहाँ के विकास सूचकांक भी अन्य राज्यों की तुलना में कमतर हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष दर्जा की मांग को बार-बार दोहराया है, क्योंकि इससे राज्य को विकास के लिए अधिक केंद्रीय सहायता मिल सकती थी। उनका कहना है कि बिहार की स्थिति ऐसी है कि इसे विशेष दर्जा मिलना चाहिए, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

विशेष दर्जा की मांग के समर्थन में, बिहार के नेताओं ने कई तर्क दिए हैं। उनका कहना है कि राज्य की भौगोलिक स्थिति और यहाँ की जनसंख्या घनत्व भी इस मांग को न्यायसंगत बनाते हैं। इसके अलावा, राज्य के कई जिले पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जो इस मांग को और मजबूती देते हैं।

विशेष दर्जा क्यों नहीं मिला?

बिहार को विशेष दर्जा नहीं मिलने के पीछे कई कारण हैं:

  1. आर्थिक और भौगोलिक मानदंड: केंद्र सरकार का कहना है कि बिहार उन मानदंडों को पूरा नहीं करता जो विशेष दर्जा देने के लिए आवश्यक हैं। विशेष दर्जा प्राप्त करने वाले राज्यों में आमतौर पर कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ होती हैं, जैसे पहाड़ी इलाका या सीमावर्ती क्षेत्र।

  2. राजनीतिक और वित्तीय प्रभाव: बिहार को विशेष दर्जा देने से अन्य राज्यों में भी ऐसी माँगें उठेंगी, जिससे केंद्र पर वित्तीय भार बढ़ सकता है। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच राजनीतिक समीकरण भी इस फैसले को प्रभावित करते हैं।

  3. विकास योजनाओं का प्रभाव: केंद्र सरकार का कहना है कि बिहार को पहले से ही विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता मिल रही है, जिससे राज्य की स्थिति में सुधार हो रहा है।

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विभिन्न नेताओं का बयान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष दर्जा की माँग को बार-बार उठाया, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी। इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी बिहार सरकार पर आरोप लगाए कि वे इस माँग को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं।

नीतीश कुमार का कहना है कि बिहार की स्थिति ऐसी है कि इसे विशेष दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि "बिहार को विशेष दर्जा मिलने से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और विकास की गति तेज होगी।"

वहीं, विपक्ष का कहना है कि "नीतीश कुमार इस माँग को राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं और इसका लाभ चुनावों में लेना चाहते हैं।"

केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने भी इस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि "बिहार को पहले से ही विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत सहायता मिल रही है और राज्य की स्थिति में सुधार हो रहा है। विशेष दर्जा देने की आवश्यकता नहीं है।"

नतीजा

हाल ही में, नीतीश कुमार की सरकार ने विशेष दर्जा की माँग को छोड़ने का निर्णय लिया, क्योंकि यह मांग वर्षों से पूरी नहीं हो सकी थी और इसमें कोई ठोस प्रगति नहीं हुई थी। अब बिहार सरकार अन्य तरीकों से राज्य के विकास के लिए केंद्र से सहयोग की मांग कर रही है।

विशेष दर्जा की माँग की वर्तमान स्थिति

बिहार की विशेष दर्जा की माँग अब भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी है, लेकिन राज्य सरकार ने अन्य तरीकों से राज्य के विकास के लिए केंद्र से सहयोग की मांग की है।

निष्कर्ष

बिहार का विशेष दर्जा प्राप्त करने की कहानी एक लंबे समय से चली आ रही है, जिसमें कई राजनीतिक, आर्थिक और भौगोलिक पहलू जुड़े हुए हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भविष्य में इस माँग पर क्या निर्णय लिया जाता है और राज्य की स्थिति में क्या सुधार होता है।

इस लेख में, हमने बिहार की विशेष दर्जा की मांग पर विस्तार से चर्चा की है। उम्मीद है कि यह जानकारी आपको बिहार के विशेष दर्जा की मांग और इसके पीछे के कारणों को समझने में मदद करेगी।