बिहार में गुरुवार को ठनका गिरने की कई घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई है। सबसे बड़ी दुर्घटना गया जिले के बेलागंज थाना क्षेत्र के पनारी गांव में हुई, जहां ठनका गिरने से एक दंपती सहित पांच लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, नालंदा, औरंगाबाद, नवादा, और सासाराम जिलों में भी ठनका गिरने से कई मौतें हुई हैं।
गया के पनारी गांव में जितेंद्र कुमार (48), उनकी पत्नी मीना देवी (45), कपिल यादव (60), शंकर राम (55), और रामबली मालाकार (60) की मौत हो गई। ये सभी लोग अपने खेतों में रोपनी कर रहे थे और बारिश से बचने के लिए सिंचाई के मोटर के लिए बनी केबिन में छिप गए थे, तभी ठनका गिर गया।
अन्य स्थानों पर घटनाएं
- नालंदा: चंडी में एक बच्चे और नगरनौसा में एक अधेड़ की मौत।
- औरंगाबाद: देवकुंड थाना क्षेत्र के बिलारू गांव में एक महिला की मौत।
- रोहतास: नौहट्टा में एक महिला की मौत।
- गया: अतरी स्थित जमलापर गांव में एक युवक की जान गई।
- नवादा: एक व्यक्ति की मौत।
सीएम नीतीश कुमार का शोक संदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ठनका गिरने से हुई मौतों पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुझावों का पालन करें।
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सावधानी बरतने की सलाह
सीएम ने जनता से आग्रह किया है कि खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुझावों का पालन करें और सतर्क रहें।
इस प्रकार की घटनाएं दर्शाती हैं कि प्राकृतिक आपदाओं के समय सतर्कता और पूर्व सावधानियां बरतना कितना महत्वपूर्ण है। ठनका गिरने की घटनाएं विशेष रूप से मानसून के दौरान होती हैं, इसलिए लोगों को इस दौरान अधिक सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा निर्देशों का पालन करना चाहिए।
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